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खुद का निर्माण करें
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मानव जीवन अनमोल है,इस बात से इंकार कोई नहीं करता।परंतु यह भी विडंबना ही है कि ईश्वर अंश रुपी शरीर का हम उतना मान सम्मान नहीं करते, जितना वास्तव में हमें करना चाहिए।यह सच है कि हम अपने मिट्टी के पुतले सरीखे शरीर के ऊपरी सौंदर्य की चिंता बहुत करते हैं,अनेकानेक सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग निरंतर करते हैं,किंतु इस शरीर के भीतर बैठे ईश्वर और उसके निवास रुपी मं
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