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हमारी आवाज ईश्वर की आवाज
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सभी जानते, मानते हैं कि हम ईश्वर की की ही सृष्टि हैं,ईश्वर का ही निर्माण हैं।फिर यह भी यथार्थ है कि बिना ईश्वरीय विधान के पत्ता तख नहीं हिलता।ऐसे में कर्ता तो मात्र ईश्वर ही हुआ न।फिर भी मानव अपने स्वभाव के अनुरूप खुद को ही सर्व समर्थ मानने की गर्वोक्ति करता रहता है।
परंतु सच यह है कि ईश्वर के हाथों में ही हमारे सारे क्रियाकलापों की डोर ह
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