“
कभी प्यार था तो मेरे हंसना और रोना से फर्क पड़ता था तुझे, लेकिन अभी तो तुम भी दूर रहना चाहती हो मेरे से इसीलिए मैं भी कोशिश कर रहा हूं दूर जाने को तेरे से,
जितना भी कोशिश करूं दूर ना कर सका तुझे,
सोचता हूं कैसे यह बात बताऊं तुझे कि अब तेरी आदत लग गया है मुझे, कभी वक्त मिले तो जरा अपना तरीका मुझे भी बता कैसे दूर कर दी इतना आसानी से अपने दिल से मुझे।
अमरेश रावत.....
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