STORYMIRROR

कभी बांहों...

कभी बांहों में कभी आगोश में थे, समाए थे आपस में ना होश में थे। करेंगे मुकम्मल मुहब्बत अपनी, अपनी जवानी के जोश में थे। होश आया तो मेहसूस हुआ, इक झूठे ख्वाब के आगोश में थे।

By Tinku Sharma
 29


More hindi quote from Tinku Sharma
27 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments