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कान्हा से...

कान्हा से प्रेम कुछ ऐसा हुआ, कान्हा- कान्हा पुकारे, हर दुआ, किसी से मोह न बाकी रहा, जब से मन तिहारा दास हुआ। आओ कान्हा, अब रहा न जाए, तोसे वियोग अब सहा न जाए, हृदय तिहरा प्रेम है चाहे, तोहरी बाट में प्रतीक्षारत आंखें। (नवनी चौहान)

By Navni Chauhan
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