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जल है...

जल है जीवन,संरक्षण करें इसका, निरर्थक ही होगा हमारा पश्चाताप, जो समय रहते इसकी कीमत न जानी। पानी के सूखते और प्रदूषित होते स्रोत, बयां करते हैं हमारी नासमझी की कहानी। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
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