“
जग और निज तन-मन की शांति हित,
सदा अहिंसा-सत्य का पथ तुम चुनो।
आत्मिक उन्नति हित हेतु रहो न निर्भर दूजे पर,
"अप्प दीपो भव"यानी अपना दीपक खुद बनो।
2600 वर्ष पुरानी कालजयी शिक्षा है मानव को,
दया कर महात्मा गौतम बुद्ध की सीख यह सुनो।
@ डी पी सिंह कुशवाहा @
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