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इस जगत में...

इस जगत में मनुष्य ने अपने जीवन को, सुव्यवस्थित करने की रीति यह निकाली। मिटाने को नीरसता भरने को नित नूतन ऊर्जा, मनाने शुरू किए बहु त्योहार जैसे होली दिवाली। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
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