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हर वक्त हर...

हर वक्त हर दम क्यों जनजोडता है मुजे हर कोई हर बार क्यों छोड़ता है मुजे अपनी शख्सियत को तो देख खुदा यू बोतलो की तरह क्यों तोड़ता है मुजे विपुल प्रीत

By Vipul Borisa
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