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हम लोगों के...

हम लोगों के लिए तब तक ही उनके अपने हैं जब तक हम उनकी हाँ में हाँ मिलते हैं | जिस दिन हमने अपने मन की बात की, उसी दिन से हम उनके अपनों में नहीं रहते |

By Kalpna Yadav
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