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दिन शुरू...

दिन शुरू होता है सूर्योदय से और अंत रात्रि पर लेकिन उस रात में भी चांद उजाला बन चमकता रहता है। अंधेरे में भी वो मद्धम रोशनी सकारात्मकता उत्पन्न करती है। उसी प्रकार हमें संघर्षों कठिनाइयों में भी अपनी चमक चांद की भांति बरकरार रखनी चाहिए। ✍जूही खन्ना कश्यप

By Juhi Kashyap
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