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दिन के ...

दिन के प्रखर प्रकाश में रजनी के संत्रास में भोर की अनुपम बेला में सांझ के बढ़ते ग्रास में मेरे मन मस्तिष्क के भीतर उर के हर प्रयास में तेरी ही एक आस है शामिल मेरे हर आभास में @रुचि मित्तल

By Ruchi Mittal
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