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दिल पूछता है अक्सर आखिर हासिल क्या हुआ तुझे रिश्ते खुन के निभाते निभाते।
तेरे अपनो ने कितना साथ दिया माली का बाग सजाते सजाते।
कुछ भी साथ गया क्या जो जमा किया तुने जीवन में कमाते कमाते ।
न जाने क्यूँ उत्तर बस एक हीं मिला जिसे अपना समझा उन्होंने ही जला दिया मुझे दुनिया से जाते जाते। अफसोस सिर्फ इतना रह गया काश छोड़ मोह माया धन दौलत की बीता पाता कुछ पल प्यार की दुनिया बसाते बसाते
सुरेश सचान पटेल
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