“
देश क्या ..... एक सरहद ही तो है ।
सरहद क्या ......एक लकीर् ही तो है ।
लकीर् क्या ..... एक मन का धागा ही तो है ।
एक घागे से क्यों न जुड़े हम... जोडे रखें हम...यह अनोखा जहाँ ।।
यहाँ क्या तेरा क्या मेरा
चलो एक साथ
सरहद मीटाए हम
साथ चलो, हाथ धरे
आखिर एक
इनसान ही है तो हम ।❤
ଲୋपामुଦ୍ରା पରିଡା ❤
”