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चिंतन सही दिशा में , सही प्रबंधन और नियोजन,
रख अपनेपन की भावना, करते-लेते हुए सहयोग।
स्वार्थ भाव तज सबके कल्याण हित राख भावना,
अभावग्रस्तों के करके दूर अभाव मिटा दें सारे रोग।
चिंताएं छोड़-खुशियां बांट,हर क्षण मनाएं हम होली।
@ डी पी सिंह कुशवाहा @
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