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बिना...

बिना स्वार्थ के सदा शुभ ही करें, साथ निभाएं ज्यों मनभावन इत्र। रक्त से बढ़कर है इस जगत में, मित्रता का नाता और प्यारे से मित्र। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
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