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बेबुनियादी,...

बेबुनियादी, शक लिए, क्यों घुमते हो साहब , हरेक मर्ज का ईलाज है, पर शक का नहीं। वो तो एहसान है कुछ आपका, इसलिए ग़म खा रहा हूं मैं। लगता है,आपको? कि फायदा उठा रहा हूं मैं। - गौतम गोविन्द

By Gautam Govind
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