खफा हो...??
या रंज ए गम में खोये हुए हो।
लगता है, मुंह मोडे़ हुए हो।
कोई चूक हुई ? क्या मुझसे,
माफ़ भी करो...!!
क्यों नाराज़गी का चादर, ओढ़े हुए हो।
ज़िन्दगी की कसमकश में, ये पता नहीं चलता....
रिस्तों को सम्भालुं या अपने आप को।
- गौतम गोविन्द
बेबुनियादी, शक लिए, क्यों घुमते हो साहब ,
हरेक मर्ज का ईलाज है, पर शक का नहीं।
वो तो एहसान है कुछ आपका,
इसलिए ग़म खा रहा हूं मैं।
लगता है,आपको? कि फायदा उठा रहा हूं मैं।
- गौतम गोविन्द
जो आपके रास्ते में अड़चन पैदा करतें हैं उनसे घबड़ाओ मत, बल्कि बगल से निकल लो।
- गौतम गोविन्द
सफल होने के लिए साकारात्मक सोच का होना बहुत जरूरी है।
- गौतम गोविन्द
एक इन्सान के अंदर इन्सानियत का होना उतना ही जरुरी है जितना कि मछली को जल।
-गौतम गोविन्द
औकात भी क्या चीज है,साहब
हर बात में बीच में आ ही जाती है।
- गौतम गोविन्द
जिंदगी में कुछ करना है तो पागल बन जाओ, यकीं मानों कामयाब होने के लिए पागल हो जाना बहुत जरूरी है।
अगर कोई काम करना है, तो दुसरे का इन्तजार मत करो,
अपना काम स्वयं करो।
- गौतम गोविन्द