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अनकहे...

अनकहे लफ़्ज़ों को सुनने की कोशिश कर रहा हूँ, सन्नाटे की आवाज़ से गीत बुनने की कोशिश कर रहा हूँ, ना सुलझेंगी ये कवायद तेरे मेरे बीच में, मिट्टी का ढेर हूँ चाँद छूने की कोशिश कर रहा हूँ।

By Kusum Joshi
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