STORYMIRROR

अज्ञान रूपी...

अज्ञान रूपी तम कर सकता विकृत हमारे जीवन में विविध क्षेत्रों के हालात। सीखने को सदा तत्पर प्रवृत्ति के साथ विवेकपूर्ण नियोजन संग करें नई शुरुआत। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
 259


More hindi quote from Dhan Pati Singh Kushwaha
1 Likes   0 Comments
1 Likes   1 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments