कितनी बार दिल ने समझाया धोखा चला अपनी ही चाल मन ना रूका अब अड़ियल दिल सुनता कहाँ है अपने ही मन की... कितनी बार दिल ने समझाया धोखा चला अपनी ही चाल मन ना रूका अब अड़ियल दिल सुनता कह...