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मातृत्व
मातृत्व
मातृत्व
मातृत्व
दूर से आती अनजानी
कोई आहट पाकर
उड़ जाने वाली कबूतरी
आज निडर बैठी है
एक टक मुझे ताकती
आज उड़ना नहीं चाहती
आज वो डरना नहीं चाहती
उसने अंडे दिए हैं
आज वो कबूतरी "मां" है।
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