जिंदगी बड़ी मस्त हैं
जिंदगी बड़ी मस्त हैं
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आज.... सभी को आगे निकलने की होड़ हैं,
जिंदगी की इस दौड़ में,
किसी को किसी के लिए ना वक्त हैं,
फिर भी जिंदगी बड़ी मस्त है ।
बड़ों के लिए ना रहा कोई मान है,
जी रहे है सारे झूठी आन और शान में,
अपने ही बहा रहे अपनों का रक्त है,
फिर भी जिंदगी बड़ी मस्त है ।
किसी के दर्द में छिपी हैं खुशी हमारी,
किसी के आँसुओं में दबी हैं हँसी हमारी,
बन गए दिल पत्थर जैसे सख्त हैं,
फिर भी जिंदगी बड़ी मस्त हैं।
यहाँ भीड़ में भी सब तन्हा हैं ,
सच्चे दोस्त की उम्मीद रखना मना हैं,
हर कोई इस अकेलेपन से त्रस्त हैं,
फिर भी जिंदगी बड़ी मस्त हैं।
जिंदगी का आज यही तो सच हैं,
क्या ,वास्तव में जिंदगी बड़ी मस्त हैं ?
