डंका अंबर में बजता किसी की नजरों में अभी भी उदासीन दिखता है अख़बार लेकिन अब हकीकत में मुमकिन नही... सुबह वाली चाय तोह मैं बन ही जाऊँगा सूरज यादोमें तोह हम हमेशा ही साथ रहेंगे लेकिन तू चाय के साथ वाली नमकिन नही... हो सके तोह दूर ही रहना इस ख्वाबो वाली सपनों से... हमेशा जरा बचके ही रहना पगली इन दिखावे वालें अपनों से...

Hindi में Audios