“
यदि जीवन मे कोई इच्छायें ही न रहे तो...?!!
फिर क्या फर्क पड़ता है कुछ करे या ना करे
सभी द्वंद्व को लेकर हम चिंतित होंगे कभी..?!
ये सारा खेल बस मानने से ही है
हम जो कुछ भी सोचते-समझते है
वही हमारा भविष्य तय करता है
तो बस मान लो कि सब अच्छा है
खुश रहे.
”