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सरेआम महिलाओं लुटती आबरू देख, स्तब्ध हूँ, नि:शब्द हूँl सरेआम महिलाओं लुटती आबरू देख, स्तब्ध हूँ, नि:शब्द हूँl
यह कैसा नवप्रभात है! ना उमंग, ना तरंग.. जाने क्या बात है? यह कैसा नवप्रभात है l यह कैसा नवप्रभात है! ना उमंग, ना तरंग.. जाने क्या बात है? यह कैसा नवप्रभात...
हे प्रिये ! क्या तुम थक गई हो ? अनायास ही रुक गई हो! हे प्रिये ! क्या तुम थक गई हो ? अनायास ही रुक गई हो!
पर्यावरण की थोड़ा कद्र करो भाई, पहले लगाओ पौधे फिर समय समय पर करो सिंचाई l पर्यावरण की थोड़ा कद्र करो भाई, पहले लगाओ पौधे फिर समय समय पर करो सिंचाई l