दिल कि कलम से.......✍️✍️✍️
मगर टीपू और गुड़िया की अभी इतनी उमर नहीं थीं कि वे भूख बर्दाश्त कर सकें मगर टीपू और गुड़िया की अभी इतनी उमर नहीं थीं कि वे भूख बर्दाश्त कर सकें