दिल कि कलम से.......✍️✍️✍️
मानव जाति कि देख दुरदशा ये दिल खूब रोया है। ना जाने किस ने महामारी का ये रक्त बीज बोया है। देख इंसान भगवान् ने तेरी हालत ये क्या बनाई है। अपने आप को सर्व शक्तिमान कहने वाले भी धराशाई हैं। आज कोई ना पूछता कि तू हिंदू मुस्लिम या सिख्य इसा Abhay Pandey