आदमी साधारण हूँ,सोचता ज़रा हट कर हूँ।
अनजान थी पता नहीं बाहर क्या खौफनाक मंजर चल रहा होगा अनजान थी पता नहीं बाहर क्या खौफनाक मंजर चल रहा होगा