Mahima Shree
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जब कभी तेरा यादों में आना हुआ बैठे बैठे यूँही मुस्कुराना हुआ - महिमा श्री

जन सेवा अब नाम ठगी का सपनोँ के व्यापार हुए हैं । धोखे देते बन के साधू ऐसे ठेकेदार हुए हैं । - महिमा श्री

बोतल का पानी बना जीवन भर की आस पर इससे कैसे बुझे ये अंतस की प्यास - महिमा श्री


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