जब कभी तेरा यादों में आना हुआ
बैठे बैठे यूँही मुस्कुराना हुआ
- महिमा श्री
जन सेवा अब नाम ठगी का
सपनोँ के व्यापार हुए हैं ।
धोखे देते बन के साधू
ऐसे ठेकेदार हुए हैं ।
- महिमा श्री
बोतल का पानी बना जीवन भर की आस
पर इससे कैसे बुझे ये अंतस की प्यास
- महिमा श्री