Busy in Reading
दोनों आज तक मेरी दोस्त हैं और साल में दो बार उनका फोन आ ही जाता है दोनों आज तक मेरी दोस्त हैं और साल में दो बार उनका फोन आ ही जाता है
“प्रिया उठो,सुबह के साढ़े सात हो गये हैं,तुम्हें आठ पच्चीस में मुम्बई दर्शन वाली बस पकड़ “प्रिया उठो,सुबह के साढ़े सात हो गये हैं,तुम्हें आठ पच्चीस में मुम्बई दर्शन वाली ...
मीडिया की असंवेदनशीलता को इंगित करती लघुकथा मीडिया की असंवेदनशीलता को इंगित करती लघुकथा
शहर आये हुए उसे दो साल होने को था। किसान से रिक्शा चालक तक का सफ़र किसी हादसे से कम नहीं था। दिल्ली ... शहर आये हुए उसे दो साल होने को था। किसान से रिक्शा चालक तक का सफ़र किसी हादसे से...