જિંદગી ની વ્યાખ્યા...... જિંદગીની વ્યાખ્યા સાહેબ...નથી જરાય પણ સરળ, જીવન સફર માં આવતાં રહેશે સુખ દુઃખનાં અનેક વમળ, જાગૃત રાખી અંતર્ચેતના અને વિવેક જીવશું જો જીવન, નિશ્ચિત જ જીવન સરોવરમાં ખીલશે પ્રેમભર્યાં કમળ.
ज़िंदगी समझा रही है सलीका कि जीवन कैसे जीना है, ग़म की राहों पर भी,अपनों के लिए होठों को कैसे सीना है....
ज़िंदगी समझा रही है सलीका कि जीवन कैसे जीना है, ग़म की राहों पर भी,अपनों के लिए होठों को कैसे सीना है....
कर्मण्य व्यक्ति प्रारब्ध के भरोसे किनारे बैठ कर रोते नहीं, कर्मशील हो स्वयं प्रशस्त करते मार्ग सफलता का,हौसला खोते नहीं। कर्म हीन होकर प्रारब्ध के नाम पर दु:खों पर वे कभी रोते नहीं, पहुंचते नहीं गंतव्य तक प्रारब्ध को बदल कर, चैन से वे सोते नहीं.....
घेर न पाएगें तुझे हार और हताशा जब तक जीवंत है तेरी उत्कट जिजीविषा, आशा-निराशा का दौर तो चलेगा यूंँ ही, लक्ष्य तक ले जाएगी तुझे तेरी जिजीविषा...
जीवन के संघर्षों से लडने के लिए हमें सक्षम बनाने हेतु,जीवन में सफलता प्राप्त करने के हेतु हमें सज्ज करने के लिए, सही-गलत का ज्ञान दे कर ज्ञानी बनाने के लिए और जीवन में निरंतर आगे बढने हेतु सदा प्रोत्साहित करने के लिए हम आपके सदैव आभारी रहेंगे। जीवन में जिनसे भी ज्ञान प्राप्त किया है वे सभी किसी न किसी रूप में गुरू ही है। धन्यवाद शिक्षक हमें मानवता का ज्ञान देने के लिए।