हिंदी कवयित्री और कहानीकार शिक्षा: एम. ए. हिंदी और संस्कृत संप्रति: हिंदी लेखन - संपादन कार्य छह-सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सम्मान: विभिन्न साहित्यिक मंचों द्वारा विविध सम्मानों से सम्मानित।
Share with friendsजीवन में हर किरदार की कोई न कोई कहानी है। भले दुख-दर्द को झूठी मुसकान में छिपाना हो या दोषी होते भी अपने को निर्दोष बताना। उसे निपुणता से निभाना ही श्रेष्ठ अभिनय है। अर्चना कोहली "अर्चि" नोएडा (उत्तर प्रदेश)
जीवन में वही व्यक्ति सफलता का सूरज देख पाता है, जिसके अंतर्मन में सदैव ही आशा का चिराग जलता रहता है। अर्चना कोहली "अर्चि"
समय किसी का इंतज़ार नहीं करता। मृगमरीचिका की तरह कब विलुप्त हो जाए, पता नहीं। अत: हमें कभी भी समय को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। अर्चना कोहली "अर्चि"
संचित कर्मफल ही हमारे साथ जाते हैं। बाकी सब तो यहीं पर रह जाता है। इसलिए बुरे कर्म नहीं अच्छे कर्म करने चाहिए। सुकर्म ही वैतरणी पार करने का एकमात्र मार्ग है। अर्चना कोहली "अर्चि"