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हो पुरुष तो मर्यादा को खोजो हवस न मन में कभी सहेजो रंग गये हो क्यूँ उसके अंजन में ? उस रमणी के आलिंग... हो पुरुष तो मर्यादा को खोजो हवस न मन में कभी सहेजो रंग गये हो क्यूँ उसके अंजन मे...