I'm Gobind and I love to read StoryMirror contents.
ग़ज़ल ग़ज़ल
लिखी थी कुछ पंक्तियाँ लिखी थी कुछ पंक्तियाँ
आइना आइना
सहसा हथेली भीग गई अजीब सा चिपचिपापन मानो लहू चिपक गया हो ........... सहसा हथेली भीग गई अजीब सा चिपचिपापन मानो लहू चिपक गया हो ...........
संवादहीनता संवादहीनता