आख़िर में मिलना शिव में ही, ये शरीर तो बस इक बहाना है। बस छूना है हर उस जमीं को, जहाँ मेरे महाकाल का आशियाना है। ❤️
मेरे स्वाभिमान को मत ललकार ऐ मानव, मैंने इतिहास बदला है इतिहास रचाकर।। मेरे स्वाभिमान को मत ललकार ऐ मानव, मैंने इतिहास बदला है इतिहास रचाकर।।