कुछ तो सिद्दत-ए-इश्क से हुईं नम आँखें, कुछ तेरे दर्द के बादल भी भिगो जाते हैं।
जन्नत और जहन्नुम दोनों लाओगे, ख़ुशी के आँसू और गम के झरने दोनों। जन्नत और जहन्नुम दोनों लाओगे, ख़ुशी के आँसू और गम के झरने दोनों।
पर प्रेम को तो आता ही नहीं आंकलन करना, इसका गवाह इतिहास है; प्रेम तो उन खड़े प्रश्नों का जवाब, स... पर प्रेम को तो आता ही नहीं आंकलन करना, इसका गवाह इतिहास है; प्रेम तो उन खड़े ...