मै एक लम्हा हूँ जो अपने लम्हें से बिछड़ गयी हूँ...वो लम्हा मुझे वापस बुला रहा और उससे मिलने के लिये निरंतर लिखती जा रही हूँ...
मैं बस चलती चली जा रही हूँ चलती जा रही हूँ वहाँ जाकर खो जाने को उस रौशनी में भस्म हो जाने को। मैं बस चलती चली जा रही हूँ चलती जा रही हूँ वहाँ जाकर खो जाने को उस रौशनी म...