Ekta Kochar relan
Literary Captain
39
Posts
21
Followers
2
Following

ektarelan78@gmail.com

Share with friends

खुशबू ससुराल भी पीहर है मायके सा ही सबका जिगर है आँखें भीगती यहां भी अपनों के लिए माँ-बाबा सा ही अंगना और खुशबू इधर है एकता कोचर रेलन

शिकायत उसको भी है ! शिकायते मुझको भी है!! इक तरफा प्यार में- ये बात कहां है!! एकता कोचर रेलन

उसे फिर दुल्हन सा सजाया गया जब उसका जनाजा उठाया गया तड़पी उम्र भर वो सिंदूर की खातिर सुहाग के हाथों ये कैसा स्वांग रचाया गया एकता कोचर रेलन


Feed

Library

Write

Notification
Profile