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आज कहाँ से फिर आ पहुँचा फागुन में सावन! सुबह उड़ी थी धूल शाम को घिर आए बादल, आज कहाँ से फिर आ पहुँचा फागुन में सावन! सुबह उड़ी थी धूल शाम को घिर आए ब...