I'm तृप्ति and I love to read StoryMirror contents.
सरेआम नीलाम हो रही बोली नहीं लगाओ तुम। सरेआम नीलाम हो रही बोली नहीं लगाओ तुम।
नयनों से नयना मिल जाएँ मन को अपने दर्पण कर दो। नयनों से नयना मिल जाएँ मन को अपने दर्पण कर दो।