(शायर,कवि व गीतकार) अलवर राजस्थान ये जो दिल का रिश्ता है ना, बडा अजीब होता है जितना दूर होता है नजरों से, 'देव' रूह के उतना ही करीब होता है
मेवाड़ धरा पावन मिट्टी, इसे नित-नित शीश झुकाता हूँ।। मेवाड़ धरा पावन मिट्टी, इसे नित-नित शीश झुकाता हूँ।।