कवि नहीं मैं, दिल का हाल लिखती हूं| तंग हु उर्दू में जरा, तो सरल हिंदी में ही अपनी बात लिखती हु। कुछ किस्से अपने तो कुछ किस्सों में दुनिया के जज़्बात लिखती हु। बस खाली वक़्त में अपने अंदर का गुम्मार लिखती हु।
मरने के बाद स्वर्ग मिले भी तो क्या , असली स्वर्ग तो मां के चरणों में होता है -Nandita kohli
अभिनय में माहिर आज अभिनेता नहीं, नेता है। -Nandita kohli
शहरों में फासला जितना भी हो। दिल से तुम आज भी पास हो।