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बहुत फर्क पड़ता है, जब तुझे टूट के चाहने के बाद भी, आखिर में टूट ही जाता हूँ, जब तुझे पाने की दौड़ ... बहुत फर्क पड़ता है, जब तुझे टूट के चाहने के बाद भी, आखिर में टूट ही जाता हूँ, ...
ज़िन्दगी ये कैसी जी रहा हूँ मैं, अपनों से ही दूर हो रहा हूँ मैं। एक आग दहकती है इस सीने में, हर दिन उ... ज़िन्दगी ये कैसी जी रहा हूँ मैं, अपनों से ही दूर हो रहा हूँ मैं। एक आग दहकती है इ...