Rahul S. Chandel
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High-energy and focused writter with more than 8 years of rich experience in story writing, poetry writing & book's review. He is sourcing and desiring to achieve year-on-year research for youth development by his write-up and social services. His ability to analyze needs and write unique... Read more

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ज्ञानी और प्रतिस्पर्धी होना दोनो भिन्न चीज़े हैं। जो ज्ञानी है जरूरी नही प्रतिस्पर्द्धा में भी विजयी हो और जो प्रतिस्पर्द्धा में विजयी है जरूरी नही वो ज्ञानी हो। प्रतिस्पर्द्धा में विजय के लिए नीति और प्रशिक्षण कि आवश्यकता होती और ज्ञान के लिए शिक्षण की।

भय मनुष्य को कई काम करने से रोकता है और कई हानिकारक कार्य करवाता भी है। भय और अधिक भय को जन्म देता है। इसलिए भय का विकल्प खोजना अति आवश्यक है जो कि विनम्रता और स्थिरता है।

संकल्प एक हठ है जो मनुष्य को उस संकल्पित लक्ष्य के अतिरिक्त समस्त अन्य वस्तुओ और लक्ष्यों से अलग कर देता है। और हम सिर्फ सीमित दुनिया देख पाते हैं और अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग नहीं प्राप्त कर पाते है।

मोह मनुष्य के सभी सुखों और दुखो का कारक है। जब मनुष्य किसी व्यक्ति या वस्तु के मोह के उलझता है तो उस व्यक्ति या वस्तु के मिलने पर खुशी महसूस होती है और उसके खोने पर दुख मिलता है।

प्रभावित होना एक अवगुण है। यदि आप किसी से प्रभावित है तो आप उस व्यक्ति के सामने अपने प्राकृतिक स्वभाव जैसा व्यवहार नहीं कर पाएंगे और धीरे धीरे आपका व्यक्तित्व उसकी दासता का शिकार हो जायेगा।

स्वयं के शरीर को परिवार से अलग कर लेना सन्यास नही होता। लाभ-हानि, अच्छा–बुरा, काम, क्रोध, मोह, आलस्य और लोभ पर विजय प्राप्त कर लेना ही सच्चा सन्यास है। जीवन का अंतिम उद्देश्य है।

जीवन में समर्पण ही एक मात्र विकल्प है जिससे आप अपने आप को उच्च स्तर तक ले जा सकते है। क्योंकि मनुष्य वही करता है जो उससे करवाया जाता है। समर्पण अहंकार को दूर करता है और कर्म करने कि शक्ति प्रदान करता है।

जो व्यक्ति मूर्ख होते है या जो समझाने से नही समझते, उन लोगों को दंड देना उचित होता है। इसके विपरित जो अपने अधिकार को छोड़ देते है और प्रयास किए बिना उदासीन जीवन यापन करते हैं वो भी मूर्ख कि श्रेणी में आते हैं।

मनुष्य के सभी अंग चेतना को अन्य सांसारिक पदार्थों का अनुभव करने और पहचानने हेतु प्रदान किए गए उपकरण के समान हैं। शरीर भौतिक पदार्थों से बना है यह कमजोर होकर एक पदार्थ से दूसरे पदार्थ में परिवर्तित होता रहता है और समय के अंत तक ये चक्र चलता है।


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