“
ज्ञानी और प्रतिस्पर्धी होना दोनो भिन्न चीज़े हैं। जो ज्ञानी है जरूरी नही प्रतिस्पर्द्धा में भी विजयी हो और जो प्रतिस्पर्द्धा में विजयी है जरूरी नही वो ज्ञानी हो। प्रतिस्पर्द्धा में विजय के लिए नीति और प्रशिक्षण कि आवश्यकता होती और ज्ञान के लिए शिक्षण की।
”