कितनी भी बड़ी हस्ती हो,एक दिन जाना पड़ेगा, ज़िन्दगी तेरे नाम को मौत से मिटाना पड़ेगा..... ✍️ गौरव शुक्ला'अतुल'
उसकी बस्ती में मेरा आना,फ़िज़ूल था, उस ओर जान गँवाना फ़िज़ूल था, किसी के मुगलिया तख़्त को नहीं पलटना था मुझे, मेरा इंसानो को इंसान समझ जाना फ़िज़ूल था.... ✍️
चेहरा खिला ,चाँद सा,दिल सुगंधित गुलाब हो गया, मैं शहर इलाहाबाद मेरा नाम प्रयाग हो गया.... गौरव शुक्ला 'अतुल'