मेरी कविताएं मेरा स्वभाव हैं.....
मैं नाज़ुक कली हूँ, महकती रहूँगी, मैं गाती रहूँगी, चहकती रहूँगी...! मैं नाज़ुक कली हूँ, महकती रहूँगी, मैं गाती रहूँगी, चहकती रहूँगी...!