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ना फेर मुँह भाई, यह तेरा ही क़हर है। आज जल यहाँ जो, बन गया ज़हर है।। ना फेर मुँह भाई, यह तेरा ही क़हर है। आज जल यहाँ जो, बन गया ज़हर है।।