Ridima Hotwani
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

47
Posts
3
Followers
4
Following

शब्दों के तानों-बानों से अथाह प्रेम।

Share with friends
Earned badges
See all

🌹ये रंग, ये नूर, ये महफिलें मुबारक हों तुम्हें एक कतरा गम का भीगा तुमसे साथ लिये जा रहा हूं मैं अपने🌹🌹

तू बेवफ़ा है जिंदगी, खबर थी हमें हमसे दर्दिल है, खबर थी हमें अब मुस्कुरा! अजाब में झोंक के हमें हम भी ज़हर हैं, पिये भी जायेंगे और जिये भी जायेंगे तुझे।।

बावरी अंखियां, दरस दीवानी श्वासों ने प्यास की गहराई ही न जानी पीकर तृप्त होना हर प्यास का पर्याय नहीं बंधनों में लिपटों को बात ये समझ ना आनी।।

हजार बार ढूंढने पर भी जब नजर तुम कहीं नहीं आए अंखियां बंद करके बैठी तो दिल में में ही बसे नजर आये।।

जब-जब,, दिल को,,भूलने लगे तुम्हें ये यकीन, दिलाया है,, आंसू बूंद बन आंखों में उतर आया है और आईना कहता है,, दर्पण ने एक असली-नकली चेहरा इन पलकों की चिलमन पे,बिछाया है।।

इतनी भी ना पिला मुझे साकी कि बेहोशी में लड़खड़ा के गिर जाऊं और तेरी ही (पीने की) तलब से ही महरूम हो जाऊं।।

आसां सी जिंदगी में मुश्किलें आते वक्त नहीं लगता, मुश्किलातों से भरी ज़िंदगी में, चराग-ऐ-आशादीप, पूर्णतः तो कभी भी नहीं बुझता।।

चाहत हम दीदार -ऐ- शमां, जगाए बैठें हैं तेरे ही सजदे में, सर अपना झुकाए बैठें हैं।।

तू जब दूर होता है तो भी पास ही होता है, और जब पास बेहद पास होता है वो पल नायाब-ऐ-खास़ होता है।


Feed

Library

Write

Notification
Profile