शब्दों के तानों-बानों से अथाह प्रेम।
Share with friends🌹ये रंग, ये नूर, ये महफिलें मुबारक हों तुम्हें एक कतरा गम का भीगा तुमसे साथ लिये जा रहा हूं मैं अपने🌹🌹
तू बेवफ़ा है जिंदगी, खबर थी हमें हमसे दर्दिल है, खबर थी हमें अब मुस्कुरा! अजाब में झोंक के हमें हम भी ज़हर हैं, पिये भी जायेंगे और जिये भी जायेंगे तुझे।।
बावरी अंखियां, दरस दीवानी श्वासों ने प्यास की गहराई ही न जानी पीकर तृप्त होना हर प्यास का पर्याय नहीं बंधनों में लिपटों को बात ये समझ ना आनी।।
जब-जब,, दिल को,,भूलने लगे तुम्हें ये यकीन, दिलाया है,, आंसू बूंद बन आंखों में उतर आया है और आईना कहता है,, दर्पण ने एक असली-नकली चेहरा इन पलकों की चिलमन पे,बिछाया है।।
इतनी भी ना पिला मुझे साकी कि बेहोशी में लड़खड़ा के गिर जाऊं और तेरी ही (पीने की) तलब से ही महरूम हो जाऊं।।
आसां सी जिंदगी में मुश्किलें आते वक्त नहीं लगता, मुश्किलातों से भरी ज़िंदगी में, चराग-ऐ-आशादीप, पूर्णतः तो कभी भी नहीं बुझता।।